Dard Karaara - Kumar Sanu & Sadhana Sargam
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Dard Karaara Lyrics
ख़ुदा से ज़्यादा तुमपे ऐतबार करते हैं
गुनाह है जान के भी बार-बार करते हैं
बार-बार करते हैं
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस लिखता हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस लिखती हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
अभी अभी धूप थी यहां पे लो
अब बरसातों की धारा
जेब हैं खाली, प्यार के सिक्कों से
आओ कर लें गुज़ारा
कभी कभी आईने से पुछा है
किसने रूप संवारा?
कभी लगूँ मोहिनी, कभी लगूँ चाँदनी
कभी चमकीला सितारा
कितना संभल लें, बचकर चल लें
दिल तो ढीठ आवारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा

